जब भी देखूं तुम्हे
दूर जाते हुए!
तुम लगे और भी
पास आते हुए......!!
धड़कने हर कदम
तेरी तस्वीर से!
बात करती रही
मुस्कुराते हुए.....!!
खिली धुप में
तो कभी छाव में!
साथ बैठे हुए
गुनगुनाते हो.....!!
घर बसाने ना दे
जो जमाना उसे!
दम है तो रोके तो
दिल में बसाते हुए..........!!
आ भी जाओ
चले चाँद के पार हम !
सब की नजरो से
बचते बचाते हुए.......!!
मैं कुवर तू हो जाओ
गगन की परी !
खुल कर आँचल
हवा में उड़ाते हुए.......!!