Tuesday, March 27, 2012

तुम कैसे भुला पाओगी

वो पहली हँसी ,वो पहला प्यार


पहला वो स्पर्श


तुम कैसे भूल पाओगी


पार्क में पहला इन्तजार


बेफिक्रो सा गलियों में घूमना  


तुम कैसे भुला पाओगी


क्या था मिठास,आंसुओं  


का दर्द


मेरे साथ बिताये वो पल


तुम कैसे भुला पाओगी


भूल जाना ना आसान होगा


याद बहुत आऊंगा


आंसू हू मैं वो.....


जो हर दर्द में चला आऊंगा!


Sunday, March 4, 2012

होली के रंग

मेरी खवाहिश है ,होली के कुछ 
रंग चुराने  की

होली के उन रंगों में से
जो आस्मां ही नहीं
दिलो को भी रंग देते है
मगर,कुछ पल के लिए !


मैं उन रंगों से रंगुगा 
उन सुहागिन की माग को
जो बंजर हो गयी है
सूखे की धरा की तरह!

मैं उन रंगों से रंग दूंगा
जीवन से निराश हुए दिलो को
जो केवल नाउमीदी पाले बैठे है !

मैं उन रंगों से रंगीन करूँगा
उन युवाओं के सपनो को
जो हताशा भरी निगाहों से
हर दफ्तर में दस्तक देते है !

और मैं रंग भरूँगा
उन बूढी आँखों में
जो अपनों की ठुकराई है
और मौत की बाट जोहती है !

मेरी खवाहिश है,होली के कुछ
रंग चुराने की!!!!

आपको और आपके परिवार को
मेरी और मेरी परिवार की तरफ से होली की
अग्रिम बधाई !!!!