Wednesday, April 4, 2012

ट्रेन वाली अम्मा !

सर पर झक सफ़ेद बाल,
चेहरे  की लटकती हुयी खाल
मुह में एक भी दांत नहीं
और उम्र
नब्बे से कम ना होगी
ट्रेन में पोपकोर्न बेचती अम्मा की!
नसों का रक्त
मानो सूख सा गया है
शरीर लगता है सिर्फ हड्डियों का ढांचा !
झुके हुए कन्धों पर अम्मा ने ,
टांग रखे है,
चार -पांच झोले
और हाथ में पोपकोर्न की बोरी!
एक झोले में मूंगफली ,
एक में नमकीन,एक में गुटखा,सिगरेट
और पीठ पर लादे एक झोले में ,
गृहश्ती का सामान !
ऑफिस जाते आते समय
रोज मिलती है अम्मा
ट्रेन में फेरी लगाते हुए ,
एक दिन मैंने पूछ ही लिया ,
अम्मा क्या तुम्हारा कोई बेटा नहीं है ?
अम्मा ने सर उठा कर ,
गर्व से कहा
है ना!मेरे दो बेटे है ,
एक डाक्टर है
और दूसरा?
सरकारी दफ्तर का बाबु!