Friday, December 24, 2010

स्वेटर

स्वेटर
जाने कितनी सर्दिया
समां गयी होंगी
उस स्वेटर में
बरसो पहले बनाया था
उसने कभी मेरे लिए
जाने कितनी बार
फंदों में उन के
उलझी होंगी अंगुलियाँ
भूले- बिसरे दिनों की
यादो को समेटे हुए
अतीत के पन्नो पर
वर्तमान ने कुछ लिखा
आज फिर शायद
चलचित्र की भांति
द्र्य्श मचलने लगे
वीरान पड़ी आँखों में
बस यही तो एक
रह गयी है उसकी
निशानी पास मेरे,
उम्र के तकाजे ने
उड़ा दिया है रंग
मेरी तरह उसका भी
फिर भी रखा है
संभाल कर उसको
आने वाली सर्दियों के लिए!!!!

Saturday, December 18, 2010

ऐ भगवान तू कहाँ है


ये वीरान गलियां, ये टूटे आशियाँ
ये हैवान भवरें,ये फूल बनती कलियाँ


देख ले अपनी जमीं पर कैसा ये शमां है


शैतान बन गए इंसा ऐ भगवान तू कहाँ है

ये मासूस चेहरे,ये आसुओं का सागर

रात बनी है ज़िंदगी,ना जाने कब होगी सहर

आते है बेटे और,उनके बाप भी

यहाँ
ये सहमी हुयी नादान लुट गयी जिनकी दुनिया

ये नकली मुखौटे, ये सुर्ख सजावटे


ये रोते हुए दिल मे खुशी की मिलावटे


जरा झुक के देख ले,तेरा करिश्मा यहाँ जमा है


शैतान बन गए इंसा ऐ भगवान तू कहाँ है


ये हिन्दोस्तां के सपने,ये भारत की बेटियाँ


ये आदर्श हमारे,मनाते ये रंगरेलियाँ


नेता ये कल के,ये देश के पालनहार


देश को सजा रहे जो लूट कर देश का श्रृंगार


ये नोटों के अम्बार, ये कदमो की रफ़्तार

लाल रोशनी मे डूबा, ये नकली संसार

नाज़ है जिन पर हमे,आज सारे वो यहाँ है

शैतान बन गए इंसा ऐ भगवान तू कहाँ है

अपने उस भगवान को टू जमीं पर बुलाओ
ये संसार उसका जरा उसी को दिखाओ
कोई रूप धर कर अब क्यों नही आता यहाँ है
शैतान बन गए इंसा ऐ भगवान तू कहाँ है

Friday, December 3, 2010

अधुरा चाँद

बिछड़ कर मुझसे कभी तूने ये भी सोचा है !
अधुरा चाँद भी कितना उदास लगता है !!

ये वस्ल का लम्हा है इसे राएगा ना समझ !
के इसके बाद वोही दूरियों का सहरा है !!

कुछ और देर ना झड़ता उदासियों का शजर !
किसे खबर तेरे साये में कौन बैठा है !!

ये रख रखाव मुहोब्बत सीखा गयी उसको !
वो रूठ कर भी मुझे मुस्कुरा कर मिलता है !!

मैं किस तरह तुझे देखू नजर झिझकती है !
तेरा बदन है की आईना का दरिया है !!!