Thursday, June 28, 2012

मंजिल की जानिब हर एक राह नहीं जाती!

जख्म तो भर जाते  है,दिल से आह नहीं जाती ,
उम्र गुजर जाती है,जीने की चाह नहीं जाती !

दुसरो के ऐब तो इंसा को खूब दीखते है ,
अपनी खामियों पर कभी निगाह नहीं जाती !

नफरत को कभी दिल में बसने नहीं देना,
हर शख्स को घर में पनाह नहीं दी जाती ! 

बहुत सोच समझ कर सफ़र में पाँव रखना .
मंजिल की जानिब हर एक राह नहीं जाती!

याद रहे हर किसी से दर्द बांटा नहीं जाता 
और हर किसी से ली सलाह नहीं जाती !!!

Tuesday, June 26, 2012

दर्द-दिल

हर किसी को जख्म अपना दिखाया न करो !
अपने ही हाथो अपना दर्द बढाया ना करो !!

दर्द कितना भी क्यूँ ना बढ़ जाये !
अश्क आँखों से ना बह जाये !!

जो ढलेंगे तो लोगो को खबर होगी !
तेरी हालत पर हसेंगे वो !!

तुझपे सब की नजर होगी !
दिल नाजुक है बहुत !!

हर कदम पर इसको बिछाया ना करो !
हर मुस्कान प्यार नहीं होता !!

इस भरम में खुद को उलझाया ना करो!!!!

Monday, June 25, 2012

आँख से गिर पड़े दो मोती 


किसी ने आंसू कहा 

किसी ने कहा पानी 

पर जिसके गिरे मोती 

उसके ह्रदय के अंतर की 

व्यथा -कथा कभी क्या किसी ने जानी?

किसी ने आवारा कहा 

किसी ने बेचारा कहा 

पर उसने कुछ नहीं कहा 

गिरा जिसके नयनो का पानी 

उस पानी की शक्ल में टूटे -बिखरे अधूरी सपने  

उसकी चुप्पी के बीच सब कह गया पानी !!!!

Sunday, June 24, 2012

कोई तो लौटा दे मुझे मेरा बचपन !!!!!

बचपन में बड़ो के मुह से सुना था मैंने 


की बचपन बहुत  अच्छा होता है !

सोचता था तब मैं की 

सबसे डांट खा कर ,

भारी बस्तो का बोझ उठा कर 

सबका कहना मान कर 

बचपन अच्छा कैसे हो सकता है?

बड़े तो बड़े है ,अपनी मनमर्जी करते है 

न पढते है,न लिखते है,घूमते फिरते है 

न डांट सुनना पड़ता है,न कहना मानना पड़ता है 

सब कुछ कितना अच्छा 

इससे उधेरबुन में में मैं बड़ा हो गया है 

अब अपनी मनमर्जी है 

तो चाहता हू ,मैं अब की सब डांटे मुझे   

भारी बस्ते लाद दे मुझपर 

आवाज  दे कर काम बताये मुझे 

सबका कहना मानूंगा 

कोई तो लौटा दे मुझे मेरा बचपन !!!!!



Saturday, June 23, 2012

वफ़ा नहीं मिलती है !

आइना वो ही है रो शक्ल क्यूँ बदलती है !
जीवन की गठरी खोलो तो सांस क्यूँ उखरती है !!



दिलों के दरवाजे छोटे क्यूँ है !
इन्हें धुप -हवा भी नहीं लगती है !!



चेहरों के फूल क्यूँ मुरझा गए है !
इन्हें चांदनी रातों की दस्तक नहीं मिलती है !!



शीशे पर झुरियां क्यूँ पड़ती है !



निशा को सहर मिलती है ,सहर को सदा  !!
क्यूँ किसी को को वफ़ा नहीं मिलती है !!!!!!!

'वाह जी वाह ! क्या बात है '!

एक नेता ने भाषण देते हुए कहा 


"भाइयों,अब लाठी को भी तेल पिलाइए 

क्यूंकि त्रिशूल का काम तमाम है 

तभी पीछे से एक चमचे ने कहा 

वाह जी वाह !क्या बात है '

एक फिल्म की शूटिंग में 

खलनायक ने नायक से कहा 

तुम कल का सूरज नहीं देख पाओगे 

क्यूंकि आज तुम्हारे जीवन की आखिरी रात है !

पीछे से निर्देशक ने ताली बजाते हुए कहा 

वाह जी वाह !क्या बात है '

एक व्यक्ति ने थाने में रिपोर्ट करते हुए कहा 

थानेदार साहब ,मेरी पत्नी ने मुझे बहुत पीटा है 

थानेदार ने अपना टुटा पैर दिखाते हुए कहा 

'मेरी भी तो वोही हालत है '

दोनों की बीबियाँ धमकाते हुए बोली 

'वाह जी वाह ! क्या बात है '!

Wednesday, June 20, 2012

तुम्हारा भी दिन बदल जायेगा !

दोस्तों आज मूड किया की कुछ लिखा जाए ,आप से अनुरोध है सच सच बताईयेगा कैसी लगी मेरी नयी कविता ??

तुम्हारी जिन्दगी का उन्वान बदल जायेगा

मुझ जैसा अगर तुझे कोई मिल जायेगा

कब तक निगाहेदस्त करोगे इन बच्चो की

तूफान आएगा तो खुद ही संभल जायेगा

माँ की दुवाएं लेकर निकला हु सफ़र में

बड़ा से बड़ा हादसा सर से टल जायेगा

मेरे पापा एक बार तो खवाब में आ जाओ

ये तेरा गमजदा बेटा संभल जायेगा

ये मेरा घर मजार है मेरे अरमानो का

यहाँ मुस्कुराएगा तो तेरा होठ जल जायेगा

क्यूँ भागते हो हुस्न बे पर्दा के पीछे

गाव का हुस्न देखोगे तो तुम्हारा दिल मचल जायेगा

लोग पहचाने लगे है तेरे भी कलाम

"सिद्धार्थ" अब तुम्हारा भी दिन बदल जायेगा !