तुम कैसे भुला पाओगी
वो पहली हँसी ,वो पहला प्यार
पहला वो स्पर्श
तुम कैसे भूल पाओगी
पार्क में पहला इन्तजार
बेफिक्रो सा गलियों में घूमना
तुम कैसे भुला पाओगी
क्या था मिठास,आंसुओं
का दर्द
मेरे साथ बिताये वो पल
तुम कैसे भुला पाओगी
भूल जाना ना आसान होगा
याद बहुत आऊंगा
आंसू हू मैं वो.....
जो हर दर्द में चला आऊंगा!
amit chhap ...
ReplyDeletesunder rachna ...
shubhkamnayen
प्यार की प्यारी सी कविता ...बीते वक्त के कुछ यादगार लम्हें
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