Tuesday, May 17, 2011

एतबार


हसरते दिल में आबाद करने से

दर्द पाओगे प्यार करने से

राज दिल कह दो मगर सोच लो एक दिन

मारे जाओगे एतबार करने से

खुबसूरत तो बहुत है दुनिया में

रुसवा हो जाओगे दीदार करने से

चाहे मजनू,फरहाद,या देवदास बन जाओ

क्या मिलेगा जिस्म तार तार करने से

आने का वादा है उनका ,आना तो नहीं

क्या फायदा है उनका इन्तजार करने से????

4 comments:

  1. बहुत खुब। दिल के दर्द को बखुबी शब्दों में ढाला है आपने।

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  2. NAZM bahut sunder hai par hatasha ke rang me pagee huee hai........

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  3. बहुत सुन्दर, बेहतरीन, लाजवाब!

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