एक नए शहर मेंजिसे अभी आपकी जान पहचान भी ठीक से ना हुयी हो मर जाने का ख्याल बहुत अजीब लगता है शायद ए ,बी रोड पर किसी गाडी के नीचे आकर फिर अपने कमरे में ही करेंट से
ऐसा भी हो सकता है की बीमारी से लड़ता हुआ चल बसे कोइ
हो सकता है संयोग ऐसा हो अगले कुछ दिन
तक कोई संपर्क भी ना करे
माँ के मोबाइल में बैलेंस ना हो और वो करती रहेफ़ोन का इन्तजार दूर देश में बैठी आपकी प्रेमिका /पत्नी मसरूफ हो किसी जरुरी
काम में या फिर वो फ़ोन करे और उसका जवाबही ना मिले दफ्तर में अचानक लोगो को ख्याल आएगा की उनके बीच एक आदमी कम है ऐसा भी हो सकता है की लोग आपको ढूँढना चाहें
लेकिन उनके पास आपका पता ही ना हो........
बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति..
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