Thursday, March 25, 2010

शायद इसी को कहते है प्यार!!!!!!!!!!!


करता हू तुम से प्यार शायद नहीं तुमको यह एहसास जीना चाहता था तुम्हारे साथ पर अब तुम से जुदा होकर पल पल मर रहा हू मैं तुम्हे देखना तो दूर एक दीदार के लिए तरस रहा हू काश मेरे प्यार का होता तुम्हे एहसास तो मैं दूर नहीं तुम्हारे पास होता मुझे पता है तुम कभी नहीं आओगी जिन्दगी भर मुझे तड़पपाओगी फिर भी करता हू तुम्हारा इन्तजार शायद इसी को कहते है प्यार!!!!!!!!!!!

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