Tuesday, September 25, 2012

प्रयास

कल रात मेरे मन में एक विचार कौधा उसको मैंने शब्द दे दिए और देखा तो कविता जैसा 
कुछ का निर्माण हो गया....आप मित्रो से निवेदन है इसको पढ़े और बताये क्या ये कविता है?है तो 
कैसा है .......आपका मैं सदा आभारी रहूँगा...............

           प्रयास 

जनता बहुत उदास है ,
कोई नेता आसपास है !

यहाँ बड़े बड़े पुजारी है 
मंदिरों में उगी घास है !

हसने का राज बस इतना सा 
पडोसी जरा उदास है !

कल दोस्त के घर जश्न  था, 
आज मेरे घर उपवास है !

देव उतरे धरती पर 
स्वर्ग में उलास है !

आदमियों के बाजार में ,
मुझे बिकने का अभ्यास है !

सच ने ठगा हमेशा से ,
अब झूट का प्रयास है !

5 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रयास

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  2. सन्नाट..रात भर का नहीं, दशकों की पीड़ा का परिणाम है यह।

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  3. वाकई बहुत सुन्दर प्रयास है ...और आगे भी ऐसी ही कवितायेँ आप रचेंगे ..यह कयास है

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  4. हँसने का राज बस इतना पडोसी जरा उदास है..
    ये कहाँ आ गए हम..
    बहुत ही सटीक लिखा है आपने.

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  5. बहुत सटीक प्रस्तुति...

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