हँसी खनकती तो है आपकी मेरे चारो तरफ
बस,आप नहीं होती है !!!!
नज़ारे देखता तो हू आपके हर पल......
बस,आप नहीं होती है!!!!!
महकता तो है घर मेरा खुसबू से आपकी
बस,आप नहीं होती है !!!!!!!!!!
जलाता तो हू दिए अरमानो के हर शाम
बस,आप नहीं होती है !!!!!!!!
सजती तो है राहे मेरी दुओं से आपकी हर बार
बस,आप नहीं होती है !!!
लिखता तो हू आपका नाम आपके हाथो पर अनेक बार.....
बस,आप नहीं होती है !!!!!!!!!!!!
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