पहली पहली बार, हुआ प्यार, रेलगाड़ी में
पहली पहली बार, किया इन्तजार, रेलगाड़ी में
वो आये नज़रे मिलाये, लड़खडाए और शर्माए
उनकी इसी अदा पर, मिटा मैं यार, रेलगाड़ी में
भीड़ में एक मुझको, मुस्कुराकर जब देखा
मिला दिल को तब, बहुत करार, रेलगाड़ी में
उनका छूना, टकराना, सिमटना और मचलना
इस खेल ने कर दिया, बेकरार, रेलगाड़ी में
काटी किसी और ने चिकोटी, मिली सजा मुझे
बिना कुछ किये ही, बना गुनहगार, रेलगाड़ी में
ये खेल मोहब्बत के यूँ ही संग संग चलते रहे
यूँ ही ख़त्म हुआ, सफ़र खुशगवार, रेलगाड़ी में
जिंदगी के सफर में भी मोहब्बत के खेल संग संग चलते हैं साहिब. आजमाना.
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