Monday, June 25, 2012

आँख से गिर पड़े दो मोती 


किसी ने आंसू कहा 

किसी ने कहा पानी 

पर जिसके गिरे मोती 

उसके ह्रदय के अंतर की 

व्यथा -कथा कभी क्या किसी ने जानी?

किसी ने आवारा कहा 

किसी ने बेचारा कहा 

पर उसने कुछ नहीं कहा 

गिरा जिसके नयनो का पानी 

उस पानी की शक्ल में टूटे -बिखरे अधूरी सपने  

उसकी चुप्पी के बीच सब कह गया पानी !!!!

1 comment:

  1. मन का कितना खारापन है,
    इस असुँअन की बूँदों में..

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