Saturday, May 29, 2010

बहुरानी

अंग्रेजी हर घर में विद्यमान हो गयी है
"बहुरानी"सी हिंदी मेहमान हो गयी है!
हर चितवन में,बस जाती है
अपने मधुर सभावो के कारण
हर जबान में रम जाती है
देख ज़माने की फ़ितरत गुमनाम हो गयी है
"बहुरानी" सी हिंदी मेहमान हो गयी है
हिंदी है,सौगात हमारी
घर-बाहर तक बात हमारी
फिर क्यूँ लिखने में सकुचाना
पढ़ी लिखी यह जाति हमारी
स्वर-संगीत सायोजित ले,रसखान होगई है!
"बहुरानी"सी हिंदी मेहमान हो गयी है!!
बाबु से साहेब तक कहना ,
काम काज हिंदी में करना
इसमें है पहचान हमारी,
कभी ना इससे वंचित
हिंदी हम हिन्दुस्तानियों की शान हो गयी है!
"बहुरानी" सी हिंदी मेहमान हो गयी है!!!!!!!!

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