Friday, June 4, 2010

"मेरे पास हो तुम"


क्यूँ स्पर्श से जानू तुम्हे

जब कण कण में व्याप्त हो तुम

क्यूँ स्वरलहरी में सुनु तुम्हे

जब धरकन की आवाज हो तुम

क्यूँ सपनो में तलाशू तुम्हे

जागती आँखों का खवाब हो तुम!!!!!

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