Sunday, April 10, 2011

कुछ रात कटे !!

इश्क के शोले भडकाओ की कुछ रात कटे !
दिल के अंगारे दहकाओ की कुछ रात कटे !!

हिज्र्र में मिलने शब्--माह के गम आये है !
चारासाजो को भी बुलवाओ की कुछ रात कटे !!

कोई जलता ही नहीं कोई पिघलता ही नहीं !
मोम बन जाओ पिघल जाओ की कुछ रात कटे !!

आज हो जाने दो हर एक को बदमस्त --ख़राब !
आज एक एक को पिघलाओ की कुछ रात कटे !!

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