इश्क के शोले भडकाओ की कुछ रात कटे !
दिल के अंगारे दहकाओ की कुछ रात कटे !!
हिज्र्र में मिलने शब्-ऐ-माह के गम आये है !
चारासाजो को भी बुलवाओ की कुछ रात कटे !!
कोई जलता ही नहीं कोई पिघलता ही नहीं !
मोम बन जाओ पिघल जाओ की कुछ रात कटे !!
आज हो जाने दो हर एक को बदमस्त -ओ-ख़राब !
आज एक एक को पिघलाओ की कुछ रात कटे !!
badhiya gazal
ReplyDeleteखूबसूरत गज़ल
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति के लिये बधाई
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