Sunday, May 9, 2010

माँ तो माँ है।


माँ

कमर झुक गई

माँ बूढ़ी हो गई

प्यार वैसा ही है

याद है

कैसे रोया बचपन में सुबक-सुबककर

माँ ने पोंछे आँसू

खुरदरी हथेलियों से

कहानी सुनाते-सुनाते

चुपड़ा ढेर सारा प्यार गालों पर

सुबह-सुबह रोटी पर रखा ताज़ा मक्*खन

रात में सुनाई

सोने के लिए लोरियाँ

इस उम्र में भी

थकी नहीं

माँ तो माँ है।

3 comments:

  1. माँ के आगे सारा जग छोटा है !

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  2. maa ki lori par kuch line..pesh hai..
    माँ है
    तो लोरी है। शगुन है
    माँ है
    तो गीत है। उत्सव है
    माँ है
    तो मंदिर है। मोक्ष है

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