Sunday, October 3, 2010

जिन्दगी को तबाह करना पड़ा !!!!!

जिन्दगी से निबाह करना पड़ा


इसलिए ही गुनाह करना पड़ा

वक़्त ऐसा भी हम पर गुजरा जब


आह भर भर कर वाह करना पड़ा


उनकी महफ़िल में रोशनी के लिए


कितनो को आत्मदाह करना पड़ा


अर्थ -वेदी पर भावनाओ को


आंसुओं से विवाह करना पड़ा


चंद गीतों की जिन्दगी के लिए


जिन्दगी को तबाह करना पड़ा !!!!!

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