Friday, October 1, 2010

शीशा

मजाक मजाक में वो यूँ ही हम से रूठ गए
सारे अरमान मेरे टूट गए........
नफरत का ढोंग उन्होंने ऐसा रचाया
की वो पत्थर बनकर जीने लगे,
और हम शीशा बनकर टूट गए.....

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