जब कभी महसूस करो अकेलापनअपनी तन्हाई से घबरा जाओ,
भर आयें आँखें यूँ ही अचानक और कारण तुम समझ न पाओ....
तो बेचैन हूँ मै भी तुम्हारी याद मेंये अनुमान सहज लगा लेना ,
पलके बंद कर याद करना मुझेख़्वाबों में अपने पास बुला लेना...
जाति की कोई बंदिश होगीना रिवाजों के वंहा पहरे होंगे,
ख़्वाबों की दुनिया में हम तुमसबसे दूर अकेले होंगे ..
कर लेना फिर बातें मुझसे चाहे जितनीफिर
अपनी निगाहों से छू जाना मुझेप्यार एक दिन रंग लायेगा
अपनाहौसला फिर थोडा दे जाना मुझे
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