Friday, July 30, 2010

आवाज़

हर एक आवाज़ उर्दू को फ़रयादी बताती है,
पगली फिर भी अब तक खुद को शहज़ादी बताती है!!

कई बाते मोहब्बत सबको बुनियादी बताती है,
जो परदादी बताती थी वही दादी बताती है!!

जहाँ पिछले कई बरसों से काले नाग रहते हैं
वहां एक घोसला चिड़ियों का था दादी बताती है!!

अभी तक इलाका है रवादारी के कब्ज़े में,
अभी फिरका परस्ती कम है आबादी बताती है !!

यहाँ वीरानियों की एक मुद्दत से हुकूमत है,
यहाँ से नफरते गुजरी हैं बर्बादी बताती है !!

लहू कैसे बहाया जाए लीडर बताते हैं,
लहू का जायका कैसा है खादी बताती है !!

गुलामी ने अभी तक मुल्क का पीछा नहीं छोड़ा,
हमे फिर कैद होना है आज़ादी बताती है !!

गरीबी क्यूँ हमारे शहर से बहार नहीं जाती,
अमीर--शहर के घर की हर एक शादी बताती है !!

मैं उन आँखों के मैखाने में थोड़ी देर बैठा था,
मुझे दुनिया नशे का आज तक आदि बताती है !!

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