Saturday, April 10, 2010

क्यूँ लगता है?

बच्चा सच्चा क्यूँ लगता है?

इतना अच्छा क्यूँ लगता है?

सूरज डूबने लगता है जब

साया लम्बा क्यूँ लगता है?

तेरा नाम लिखू तो कागज

उजला उजला क्यूँ लगता है?

तन कर चलता है जब इंसा

इतना छोटा क्यूँ लगता है?

मर जाता है मरने वाला

फिर भी जिन्दा क्यूँ लगता है ?

इतने तारो की झुरमुठ में

चाँद अकेला क्यूँ लगता है?

इतनी महंगाई की रुत में

इंसा सस्ता क्यूँ लगता है?

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