सुनली जो खुदा ने वो दुआ कहीं तुम तो नहीं ...
दरवाज़े पे दस्तक की सदा कहीं तुम तो नहीं ...
महसूस किया तुमको तो गीली हुई पलकें …
भीगें हुए मौसम की अदा कहीं तुम तो नहीं ..
अंजना सा हूँ मैं , कोई भी नहीं मेरा ….
किसने मुझे यूँ अपना कहा कहीं तुम तो नहीं ...
दुनिया कों बहरहाल गिले – शिकवे रहेंगे ...
दुनिया की तरह मुझसे खफा कहीं तुम तो नहीं ...
Not Mine:- I like it
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