Friday, April 30, 2010

आग नफरत की


कभी भटकन आये सही रास्ता दिखा देना
रहू वाकिफ जहा भर की निगाहों से दुआ देना
अगर कही आये कही से भी हवाए बेमुरवत की
कभी भूल कर उनको किसी घर का पता देना
लगी है आग नफरत की अगर दिल में किसी के भी
कसम ईमान की तुमको न तू उसको हवा देना
कही ऐसा न हो जाये खुदा खुद को समझ बैठू
दिखा कर आईना मुझको मुझे मुझसे मिला देना!!!!!!!

No comments:

Post a Comment