Tuesday, April 6, 2010

काश मुझे फिर से प्यार हो जाए……….

टूट चुका है दिल है और बिखर चुके हैं हम
ख़ुशियाँ अब भी बहुत,आँखें फिर भी नम
इस नमी पर किसी की मुहब्बत कारगार हो जाए
खुदा करे, काश मुझे फिर से प्यार हो जाए....

ज़िंदगी का मामूली सा फ़लसफ़ा सम्झ हमें अब आता नही
आँखों की रोशनी वही पर जाने क्यू कुछ भाता नही
आ जाए नज़रों में वो ही बात गर ये आँखें चार हो जाए
खुदा करे, काश मुझे फिर से प्यार हो जाए....

कहा करते थे कभी हम कि इश्क़ बिना जज़्बात नही
हँसते तो अब भी हैं पर हँसी में अब वो बात नही
किसी हसीन की मुस्कुराहत मेरी हँसी का सार हो जाए
खुदा करे, काश मुझे फिर से प्यार हो जाए....

दिन गुज़र रहे हैं और उसकी याद जा चुकी है
पर जैसे वक़्त थाम गया है और ज़िंदगी रुकी है
किसी की चाहत मेरी ज़िंदगी की रफ़्तार हो जाए
खुदा करे, काश मुझे फिर से प्यार हो जाए...

हासिल चाहे यारो सब कुछ है,आलम फिर भी तन्हाई का है
कमी तो हमराही की है ,कसूर लगता सारा खुदाई का है
हो जाए शामिल कोई हमसफर तो ये सफ़र दमदार हो जाए
खुदा करे, काश मुझे फिर से प्यार हो जाए.....

दुआ करो ए यारो की कम मेरी ये सज़ा हो जाए
कोई अनमोल फिर से मेरे जीने की वजह हो जाए
मिल जाए मुझे कोई और ख़तम ये इंतज़ार हो जाए
खुदा करे, काश मुझे फिर से प्यार हो जाए……….

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