अपने मन को मना लिया मैंने
जिन्दगी से निभा लिया मैंने
एक खुश्बू सी तेरी याद आई
एक पल मुस्कुरा लिया मैंने
प्यास तडपी तो पी लिया आँशु
भूख में गम को खा लिया मैंने
दर्द का गीत एक तडपता सा
प्यार में गुनगुना लिया मैंने
मुझपर इल्जाम है ज़माने का क्यूँ?
तेरा दिल चुरा लिया मैंने .......
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