Sunday, April 4, 2010

कभी फुर्सत में........

कभी फुर्सत में अतीत के पन्नो को पलट कर देखना

चाहे हमारी याद न सताए पर यकीन है याद तो जरुर आएगी

कुछ साथ बिताये पल की कुछ हँसते गाते कल की

मैं से तुम तक कोई रिश्ते की डोर हो या ना हो

पर वे भावनाए मेरे मन की जो तुम से जोडती है

वो गहरी है!!!!!!!!!

समय के साथ सोच या आयाम बदल जाता है

मानव तो मानव है लेकिन उसका भी दृस्तिकोंन बदल जाता है

वक़्त के थपेड़ो से लड़ते लड़ते क्या पता?

कल तुम मुझे और मैं तुम्हे भूल जाऊं

लेकिन जब दिल के किसी कोने में रिक्ति(खालीपन) आजायेगी

कुछ भावनाए जो शब्दों में ना ढल सकी

मैं कह ना सका या तुमने की कोशिश ही नहीं की मुझे बहुत रुलाएगी.........

1 comment:

  1. aap jo bhi ho lekin bahut isq se naraj lagte ho , aap ka gussa jayej he , lekin is jalim jamane ki hade par kar jao to fir aap ka pyar aap ko jaroor milega. meri khuda se prarthana karta hu ki aapko aapka pyar mil jaye

    ReplyDelete