Monday, April 19, 2010

जब भी कोई बात बिगड़ जाये

जब भी कोई बात बिगड़ जाये
वो सभी बातें याद आये
पता चलता है कौन है अपना कौन पराये
अपना हाल भी पूछने नहीं आई वो ,हम कितना कराहे
पहले कहती थी तेरे बिना मर जाउंगी प्यारे
एक पल भी नहीं कटेगा बिन तेरे सहारे
जब कोई बात बिगड़ जाये वो सभी बात याद आये
एक दिन मैं उससे मिला और पूछा
क्या कारण है जो तुमने मुझे ठुकराया
क्या मेरा साथ तुझे रास नहीं आया
काफी मस्कात के बाद मैडम का गुसा समझ में आया
अरे!मैंने तो उसका मोबाइल का रेचार्गे कूपन ही नहीं भरवाया

2 comments:

  1. bahut shandar ,,,,,,,,,,,, siddharth ji shubhkamanayen.....

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  2. Aapka dhanyawaad hai bissa uncle......

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