घास और फूल से खेलता बच्चा
कलकल छल छल पानी को छेड़ता बच्चा
स्तन का दुध पीता बच्चा
धीरे धीरे इस पत्थर की दुनिया में
पत्थर होता जा रहा है
दुःख पत्थर का,सुख पत्थर का
और गढ़ता जा रहा है
सबोरोज पत्थर का इतिहास
बालू के दुह पर
खड़ी है मेरे देश की छोटी बच्ची
सोच रही है
की किस आलीसान बिल्डिंग में
नानी मिलेगी !!!!!!!!
उसे क्या पता इस सहर में होती दुनिया में
की नानियाँ जिन्दा है अब भी
घरो को पत्थर से गढ़ते हुए !!!!!!!!!!!!
घुमावदार-सी लगी पर अच्छी थी......."
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